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मिनख अंवेरै / ओम पुरोहित कागद
Kavita Kosh से
म्हैं सांचौ
थूं झूठौ
आ होड़
जुगां री।
मिनख अंवेरै
जुगां सूं
जुगां रो
झूठ-सांच
इतिहास रै पान्नां।