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मिनख अर भगवान : च्यार / दुष्यन्त जोशी
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म्हूं मिनख हूं
पण
पत्थरां में ढूंढूं
आस्था अर भरोसौ
तद
पेट सारू घड़ूं
आप-आपरा भगवान।