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मिरे घर में कहानी है अभी तक / कुमार नयन
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मिरे घर में कहानी है अभी तक
मिरे बच्चों की नानी है अभी तक।
घड़ा मिट्टी का पत्तों की चटाई
बुज़ुर्गों की निशानी है अभी तक।
मैं इक खुद्दार दौरे-बेबसी में
ख़ुदा की मेहरबानी है अभी तक।
कोई गिरधर यहां हो या नहीं हो
मगर मीरा दीवानी है अभी तक।
वहां उम्मीद कैसे छोड़ दूँ मैं
जहां आंखों में पानी है अभी तक।
कुंवर सिंह की भी धरती ख़ूब है ये
बुढ़ापे में जवानी है अभी तक।
हवाएं बर्फबारी धूप सहरा
इन्हीं की मेज़बानी है अभी तक।
तलाशो मत नये अंदाज़ो-तेवर
ग़ज़ल मेरी पुरानी है अभी तक।