मिलकै आवाज उठाई हे / रणवीर सिंह दहिया
गांव-गांव में जब फिरंगियों के खिलाफ आवाज बुलन्द होने लगती है झलकारी बाई गांव-गांव जाकर महिलाओं पुरूषों से मुलाकात करती हैै और महिलाओं को घर की चार दिवारी से बाहर आकर फिरंगियों के खिलाफ आवाज बुलन्द करने का आह्वान करती है। बहुत सी महिलांए झलकारी बाई के कहने से लक्ष्मी बाई की सेना में भर्ती हो जाती हैं। हरेक जात की महिलांए इसमंे हिस्से दारी करती हैं। एक दिन ट्रेनिंग के बाद आराम करते वक्त महिलांए गीत गाना शुरू कर देती हैं। कई गीत गाये जाते हैं। एक महिला गाने लगती है और बाकी महिलांए उसका साथ देती हैः
मिलकै आवाज उठाई हे सखी झलकारी बाई नै॥
बहोतै श्यान बढ़ाई हे सखी झलकारी बाई नै॥
हमको कतिए ध्यान नहीं था
गुलाम क्यों ज्ञान नहीं था
डटकै अलग जगाई हे सखी झलकारी बाई नै॥
फिरंगी के बढ़े थे अत्याचार
वे नीचा हमें दिखावै बारम्बार
हिम्मत म्हारी बंधाई हे सखी झलकारी बाई नै॥
फिरंगी सुनी पफरियाद नहीं थी
म्हारे मुंह मैं आवाज नहीं थी
आवाज उठानी सिखाई हे सखी झलकारी बाई नै॥
पूरे इलाके मैं ललकार गई
रणबीर कांप सरकार गई
औरत की पहचान बनाई हे सखी झलकारी बाई नै॥