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मिलती है जिंदगी में मोहब्बत कभी कभी / साहिर लुधियानवी

मिलती है ज़िन्दगी में मोहब्बत कभी-कभी
होती है दिलबरों की इनायत कभी-कभी

शरमा के मुँह ना फेर नज़र के सवाल पर
लाती है ऐसे मोड़ पर क़िस्मत कभी-कभी
मिलती है ज़िन्दगी में...

खुलते नहीं हैं रोज़ दरीचे बहार के
आती है जान-ए-मन ये क़यामत कभी-कभी
मिलती है ज़िन्दगी में...

तन्हा न कट सकेंगे जवानी के रास्ते
पेश आएगी किसी की ज़रूरत कभी-कभी
मिलती है ज़िन्दगी में...

फिर खो न जाएँ हम कहीं दुनिया की भीड़ में
मिलती है पास आने की मोहलत कभी-कभी
मिलती है ज़िन्दगी में...