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मिलावट-मिलीभगत / समझदार किसिम के लोग / लालित्य ललित

 
मिलावट कहां नहीं
सब्जी में
फलों में
दवाईयों में
दालों में
और तो और
संबंधों में
फ्लाने की जोरू
फ्लाने के साथ
कोई संतोषी माता की
कथा थोड़े ही
‘डिस्कस’ करती है
क्यों वर्किंग अवर में
पार्कों की पार्किंग
कुछ और कथा सुनाती है
पुलिसिए, माली की
मिलीभगत जारी है
और
आपका शगल