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मुंबई / गुलज़ार
Kavita Kosh से
रात जब मुंबई की सड़कों पर
अपने पंजों को पेट में लेकर
काली बिल्ली की तरह सोती है
अपनी पलकें नहीं गिराती कभी,--
साँस की लंबी लंबी बौछारें
उड़ती रहती हैं खुश्क साहिल पर!