यहाँ समुद्र
चुटकी भर नमक
रोज़ डाल देता है
मौसम की जेब में
इमारतों पर,
चिमनियों पर,
शहर के वक्ष पर,
एक साथ धीरे-धीरे
झरता है नमक
चुटकी भर नमक
रोज़-ब-रोज़ रिसता है
लाखों मानुषों की देह से
चुटकी भर नमक का रिश्ता है
मुम्बई और समुंदर के बीच
यहाँ समुद्र
चुटकी भर नमक
रोज़ डाल देता है
मौसम की जेब में
इमारतों पर,
चिमनियों पर,
शहर के वक्ष पर,
एक साथ धीरे-धीरे
झरता है नमक
चुटकी भर नमक
रोज़-ब-रोज़ रिसता है
लाखों मानुषों की देह से
चुटकी भर नमक का रिश्ता है
मुम्बई और समुंदर के बीच