भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मुकम्मल कोई नहीं / सुस्मिता बसु मजूमदार 'अदा'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

हिन्दी शब्दों के अर्थ उपलब्ध हैं। शब्द पर डबल क्लिक करें। अन्य शब्दों पर कार्य जारी है।

मुकम्मल कोई नहीं,
न लम्हा,
न पहर,
न साल,
न जिन्दगी।

जिन्दगी और मौत के बीच,
खुशियों और गम के ताने-बाने पर
रिश्तों के धागे चढ़ाकर,
एक चादर बुनने की कौशिश में लगा हूँ।

मैं जान बूझकर हार जाता हूँ तुझसे
तुझे जीतने की कोशिश का ये भी
एक हिस्सा है।

मुकम्मल कोई नहीं,
न मैं,
न तू,
न इबादत,
न बंदगी।