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मुकरी-5 / कैलाश झा ‘किंकर’
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दुर्गुण सेॅ बिलकुल अनजान
दुनिया लागै एक समान
मानव मेॅ जें सबसे अच्छा
की सखि साधु ?
नै सखि बच्चा।
कखनो हस्सै कखनो कानै
घर मेॅ कुच्छू-कुच्छू लानै
झूमै नाचै बजबै तुतरू
के सखि नटुआ ?
नै सखि बुतरू।
जैकरा नै छै बड़ा गरीब
फुटलोॅ भांगलोॅ लगै नसीब
दुनियाँ जेकरा बिन वीरान
की सखि रुपया ?
नै संतान।
जेकरा बिन टुअर टौआबै
फूल कहैं नै काँटा लागै
आँखिन-आँखिन लोर बहाय
की सखि साथी ?
नै सखि माय।