भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मुखर मौन / विमलेश शर्मा

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

विदा लेना
और
विदा कहना
वेदना उपजाती
दो समानान्तर क्रियाएँ हैं!
दरअसल
वे
पृथक्-पृथक्
पर एक राह जातीं
दो मूक यात्राएँ हैं!