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मुझको जब ऊँचाई दे / विज्ञान व्रत

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मुझको जब ऊँचाई दे
मुझको जमीं दिखाई दे

एक सदा ऐसी भी हो
मुझको साफ सुनाई दे

दूर रहूँ मैं खुद से भी
मुझको वो तनहाई दे

एक खुदी भी मुझमें हो
मुझको अगर खुदाई दे