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मुझको बतलाओ / सूर्यकुमार पांडेय
Kavita Kosh से
कीचड़ क्यों होता गन्दा
ठप्प क्यों लाला का धन्धा
भीख माँगता क्यों अन्धा
अम्मा मुझको बतलाओ ।
बढ़ते क्यों चीज़ों के भाव
क्यों होते अनशन-घेराव
क्यों न ताड़ के नीचे छाँव
अम्मा मुझको बतलाओ ।
हुआ दाल में क्यों काला
ब्लैक कर रहा क्यों लाला
मकड़ी क्यों बुनती जाला
अम्मा मुझको बतलाओ ।
धरती पर कितना पानी
क्यों बुड्ढी मेरी नानी
कहाँ गए रजा - रानी
अम्मा मुझको बतलाओ ।
क्यों होते नौ दो ग्यारह
कैसे होते पौ-बारह
चिड़ियाँ करती क्यों चह - चह
अम्मा मुझको बतलाओ ।