Last modified on 13 मार्च 2018, at 20:47

मुझे जिन्दगानी की राह में / रंजना वर्मा

मुझे जिंदगानी की राह में किसी बेवफ़ा का न प्यार दे
तेरे हाथ में ग़र हो तो आ मेरी जीस्त आ के सँवार दे

मेरे वास्ते जो जिया करे कोई राहबर मिले राह में
मेरा हाथ थाम के हाथ में यूँ ही उम्र सारी गुज़ार दे

है खमोशियों से भरी फ़िज़ा हर ओर है इक बेकली
मेरी रूह तक है तड़प रही मुझे देर कुछ तो क़रार दे

है कली खिली न कोई कहीं जज़्बात भी हैं मुरझ गये
मिरे लफ्ज़ सारे महक उठें मुझे ऐसी कोई बहार दे

मेरी ज़िन्दगी भी अजीब है जैसे ग़म का हो कोई सिलसिला
मेरे साँवरे अब पास आ मेरे दिल में खुद को उतार दे

तेरा नूर मेरा गुरूर है तेरा प्यार है मेरी आरजू
तेरी हर नज़र मेरा आइना मेरा रूप और निखार दे

वो दिया जले मेरी राह में कहीं तीरगी का न नाम हो
जहाँ थम ही जाये सफ़र मेरा मुझे आखिरी वह दयार दे