भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मुझे टी० वी० पर पता चला / मुकेश जैन
Kavita Kosh से
मुझे टी० वी० पर पता चला
कि मौसम बदल चुका है
इसकी दो-बातें दोस्तों से भी की हैं मैंने
इससे अधिक कुछ नहीं
बागों में खिले फूल
मुझे आकर्षित नहीं करते
(मेरे पास वक़्त नहीं है!)
मुझे आकर्षित करती हैं
सिटी बसों की नम्बर प्लेटें
बस स्टाप पर खड़ा मैं
घूरा करता हूँ
सिटी बसों की नम्बर प्लेटों को
क्योंकि
मुझे जाना होता है
एक ख़ास स्थान पर
काम करने
ख़ास बसों को बदल कर,
मेरी आँखों में भय होता है।
रचनाकाल : 19 नवम्बर 1988