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मुझे दर्द दे/ सजीव सारथी

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रूह की बेज़ारियों को,
रंग तू ज़र्द दे,
मैं समझूँ पीर परायी,
मेरे मौला, मेरे मौला,
मुझे दर्द दे, मुझे दर्द दे...

मुझे गम की धूप में दे जला,
काँटों पे सुला, शोलों पे चला,
बेशक तू ले मेरा इन्तहा, मेरे खुदा,
पर दे मुझे तू हौंसला, मेरे खुदा,
मुझे और निखार दे ज़रा,
मुझे और संवार दे जरा,
मेरी तड़प, मेरे जनून को,
हिम्मतों का अर्श दे,
मैं मांगू खैरे-खुदाई
मेरे मौला, मेरे मौला,
मुझे दर्द दे, मुझे दर्द दे......

मुझे मिले तेरी सोहबतें,
मुझ पर रहें तेरी रहमतें,
दरवेश मैं तेरे इश्क का,
शैदाई मैं तेरे हुस्न का,
तेरा करम, तेरी मेहर,
माँगूं यही शामो-सहर,
मेरी ख्वाहिशें, बेदार कर
मुझे गर्दिशें, बे-गर्द दे,
मैं देखूँ नूर-ऐ-इलाही,
मेरे मौला, मेरे मौला
मुझे दर्द दे, मुझे दर्द दे....

  • स्वरबद्ध गीत, अल्बम – पहला सुर, संगीत – पेरुब