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मुझे मत रोको मुझे गाने दो / आनंद बख़्शी
Kavita Kosh से
मुझे मत रोको
मुझे मत रोको
मुझे गाने दो
मैं ज़िन्दा हूँ ये क्या कम है
जब तक इन हाथों में दम है
डफ़ली वाले को
डफ़ली वाले को
डफ़ली बजाने दो
मुझे मत रोको ...
ना सोना ना चाँदी ना घोड़े ना हाथी
मेरे गीत मेरे साथी मैं दूल्हा ये बाराती
मुझे गीतों की डोली
मुझे गीतों की डोली
सजाने दो
मुझे मत रोको ...
मैं भी हूँ मुश्क़िल में तू भी है मुश्क़िल में
मेरा ग़म है तेरे दिल में तेरा ग़म है मेरे दिल में
इस दिल को ज़रा इस पागल को बहलाने दो
मुझे मत रोको ...
जो होता है हो जाने दो
मुझे मत रोको ...