भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मुझ से वतन का हाल न पूछ / कांतिमोहन 'सोज़'

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुझसे वतन का हाल न पूछ ।
ऐसा कठिन सवाल न पूछ ।।

फ़ाक़ा करते देश में सेठ
क्यूँ है मालामाल न पूछ ।

फुल-फुल हैं सारे गोदाम
क्यूँ महंगी है दाल न पूछ ।

मोदीजी का है फ़रमान
तेग़ उठा ले ढाल न पूछ ।

घालमेल का घाल न देख
गोलमाल का माल न पूछ ।

छोटी बहर तवील रदीफ़
है जी का जंजाल न पूछ ।

सोज़ के तीखे तेवर देख
उसका माल-मनाल न पूछ ।।