भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मुझ से वतन का हाल न पूछ / कांतिमोहन 'सोज़'
Kavita Kosh से
मुझसे वतन का हाल न पूछ ।
ऐसा कठिन सवाल न पूछ ।।
फ़ाक़ा करते देश में सेठ
क्यूँ है मालामाल न पूछ ।
फुल-फुल हैं सारे गोदाम
क्यूँ महंगी है दाल न पूछ ।
मोदीजी का है फ़रमान
तेग़ उठा ले ढाल न पूछ ।
घालमेल का घाल न देख
गोलमाल का माल न पूछ ।
छोटी बहर तवील रदीफ़
है जी का जंजाल न पूछ ।
सोज़ के तीखे तेवर देख
उसका माल-मनाल न पूछ ।।