भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मुद्दा ए मुद्दई मतलब की बात / रविंदर कुमार सोनी
Kavita Kosh से
मुद्दा ए मुद्दई मतलब की बात
आप ने भी ख़ूब की मतलब की बात
बे ग़रज़ दीवान्गान ए शौक़ हैं
कब कही, किस ने सुनी मतलब की बात
होश में आने नहीं देते मुझे
कह न दूँ मैं भी कोई मतलब की बात
हो गया मायूस आख़िर दिल मिरा
हाए तू ने क्यूँ सुनी मतलब की बात
कहते कहते दास्तान ए दर्द ए दिल
लब पे आ कर रुक गई मतलब की बात
बात अच्छाई की भी सुनते नहीं
जिन को है लगती बुरी मतलब की बात
बुत ख़ुदा हो जाएंगे, उन से अगर
ऐ रवि कह दें कभी मतलब की बात