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मुरसिद मेरा मरहमी / नानकदेव
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मुरसिद मेरा मरहमी, जिन मरम बताया।
दिल अंदर दिदार है, खोजा तिन पाया॥१॥
तसबी एक अजूब है, जामें हरदम दाना।
कुंज किनारे बैठिके, फेरा तिन्ह जाना॥२॥
क्या बकरी क्या गाय है, क्या अपनो जाया।
सबकौ लोहू एक है, साहिब फरमाया॥३॥
पीर पैगम्बर औलिया, सब मरने आया।
नाहक जीव न मारिये, पोषनको काया॥४॥
हिरिस हिये हैवान है, बस करिलै भाई।
दाद इलाही नानका, जिसे देवै खुदाई॥५॥