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मूरति जो मनमोहन की मनमोहनी के थिर ह्वै थिरकी सी / देव
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मूरति जो मनमोहन की मनमोहनी के थिर ह्वै थिरकी सी ।
देव गुपाल को बोल सुनै सियराति सुधा छतियाँ हिरकी सी ।
नीके झरोखा ह्वै झाँकि सकै नहिँ नैनन लाल घटा घिरकी सी ।
पूरन प्रीति हिये हिरकी खिरकी खिरकीन फिरै फिरकी सी ।
देव का यह दुर्लभ छन्द श्री राजुल महरोत्रा के संग्रह से उपलब्ध हुआ है।