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मूर्ति / गिरधर राठी
Kavita Kosh से
पहले उठाई गई मिट्टी
फिर दिया गया जल
फिर दी गई आग
फिर दी गई हवा
भर गया आकाश
- आकाश तक
अब उस अचल के इर्द-गिर्द
देखी जाएगी गति
मढ़ी जाएंगी विस्मृतियाँ
साल-दर-साल...