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मृत्युक्रम / भूपिन्दर बराड़
Kavita Kosh से
पहले मरीं उम्मीदें घर लौटने की
फिर मरा वह, घर से बहुत दूर
अंत में प्यार मरा भली औरत का
आँखें खो बैठी थी जो उसकी राह ताकते हुए