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मृत्यु शायद किसी घाव का अंत होती हो / हेमन्त शेष
Kavita Kosh से
मृत्यु शायद किसी घाव का अंत होती हो
शायद यहाँ कहीं किसी चीज़ की कमी है
शायद कुछ और हम कहना चाहते हों
शायद थोड़ी सी थमी है बारिश
बस अब यहाँ से आगे हम कहीं और जाएं नहीं
अगर मृत्यु मृत्यु ही है