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मृत्यु / सबीर हका
Kavita Kosh से
मेरी माँ ने कहा
उसने मृत्यु को देख रखा है
उसके बड़ी-बड़ी घनी मूँछें हैं
और उसकी क़द-काठी, जैसे कोई बौराया हुआ इंसान.
उस रात से
माँ की मासूमियत को
मैं शक से देखने लगा हूँ।
अँग्रेज़ी से अनुवाद -- गीत चतुर्वेदी