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मेज़ के साथ ध्यान से / मोनिका कुमार / ज़्बीग्न्येव हेर्बेर्त

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मेज़ के पास आपको शान्त होकर बैठना चाहिए ना कि ख़याली पुलाव पकाने चाहिए।
आओ फिर से याद करें कि तूफ़ानी समन्दर ने
अपनी अशान्त लहरों को ख़ामोश छल्लों में बदलने के लिए
कितनी मेहनत की।
एक पल की लापरवाही से सब ख़त्म हो सकता था।
चूँकि मेज़ की टाँगे बहुत संवेदनशील होती है,
इसलिए इनके साथ रगड़ना भी मना है।
मेज़ पर किए जाने वाले काम
दिमाग को ठण्डा रखते हुए तथ्यात्मकता पूर्ण ढंग से करने चाहिए।
यहाँ आप कच्चे पक्के अल्हड़ विचार लिए नहीं बैठ सकते।
यूँ ही खुली आँखों से सपने देखने के लिए आपको
लकड़ी की बनी दूसरी चीज़ें दी गई हैं
मसलन जंगल और पलंग।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : मोनिका कुमार