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मेरा एक रंग है / विष्णु नागर

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मेरा एक रंग है

एक तो नाकाफ़ी है वैसे
एक से तो कुछ होता नहीं
दो-तीन तो होने ही चाहिए
तीन चार हो तो बेहतर
पाँच-छह हों तो कहना ही क्या
सात-आठ तो शायद ही किसी के होते हों
और नौ-दस की तो सोचना भी फ़िजूल है

लेकिन एक रंग से कुछ होता नहीं
एक की क्या हस्ती है
एक रंग तो सभी का होता है
इसमें मेरा-तेरा क्या है
एक से ज़्यादा हो तो बात करो
एक पर दिन-रात एक मत करो