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मेरा जीवन / ईहातीत क्षण / मृदुल कीर्ति
Kavita Kosh से
आगत और अनागत की अंधी दीवारें
जिनका अतीत कटु,
वर्तमान नीरस,
और भविष्य खो गया है.
अतः
इह मेरा है ,
पूर्ण अनुत्तर
ईहातीत को किसने जाना.