भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरा जी करता है / इमरोज़ / हरकीरत हकीर

Kavita Kosh से
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मेरा दिल करता है
फूल-फूल होकर
खुशबू बन जाऊं
खुशबू होकर अक्षर
अक्षर-अक्षर होकर
नज़्म
नज़्म-नज़्म होकर
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी-ज़िन्दगी होकर
प्यार
और प्यार-प्यार होकर
जीना आ जाये
जैसा मेरा जी करता है ...