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मेरा दीवाना दिल धड़कता है, तेरे लिए/ विनय प्रजापति 'नज़र'

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लेखन वर्ष: 2003

मेरा दीवाना दिल धड़कता है, तेरे लिए
पल-पल चोरी-चोरी तड़पता है, तेरे लिए
जीता है तेरे लिए, मरता है तेरे लिए

सामने तेरा आना, शरमाना, नज़रें चुराना
उफ़! तेरी हर तिरछी क़ातिल अदा पर
मेरा फ़िदा हो जाना, कुछ न कह पाना

इस तरह ऐसे हाल में कब तक जियूँगा
तेरे क़रीब होकर भी दूर कब तक रहूँगा
मेरा आँखों से कहना, तेरा आँखों से पढ़ना
बड़ा मुश्किल है, दूर रहना, सब सहना

मेरा दीवाना दिल धड़कता है, तेरे लिए
पल-पल चोरी-चोरी तड़पता है, तेरे लिए
जीता है तेरे लिए, मरता है तेरे लिए

मेरी रूह को सुकूँ दे, जीने को कोई जुनूँ दे
प्यार मुश्किल, तन्हाई हासिल न बना
मेरा दिल चाँद है, चाँदनी की तलाश है
हाँ कह भी दे तू दिल के आस-पास है

सामने तेरा आना, शरमाना, नज़रें चुराना
उफ़! तेरी हर तिरछी क़ातिल अदा पर
मेरा फ़िदा हो जाना, कुछ न कह पाना

मेरी आशिक़ी हद पार कर जायेगी
यह जान जायेगी, गर तू मुझे आज़मायेगी
सामने से गुज़रते हो, और सब जानते हो
बता भी दो मेरी जान, तू कब चाहेगी

मेरा दीवाना दिल धड़कता है, तेरे लिए
पल-पल चोरी-चोरी तड़पता है, तेरे लिए
जीता है तेरे लिए, मरता है तेरे लिए