मेरा दुश्मन है दोस्त से अच्छा
मेरे दुख में मुझे जो दे ढारस
शेर जैसे अजान सहरा की
शब्द जैसे अकाल में सारस
गुफ़्तगू-गुफ़्तगू खरा खोटा
इक कसौटी न एक भी आरस
एक ही शेर दफ़्तरे-मानी
एक ख़य्याम से कई फ़ारस
शुद्ध लोहा भी चाहिए 'रौशन'
हाथ लग भी जाए अगर पारस