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मेरा परिचय / जितेन्द्र सोनी

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मेरा परिचय
जानने से पहले
बता दूँ
अपने घर के बारे में
वहाँ मिलेंगे
दीवारों पर घावों के निशान
कपडों पर मकड़ी के जाल को
बुनते पैबंद
चूस लिए गए डिब्बे
मुहँ चिढाता आटे का कनस्तर
ठंडा पडा चूल्हा
चूहों के खाली बिल
बारिश में टपकती छत
और पीठ से चिपके हुए पेट
अब भी अगर तुम चाहते हो
मुझे जानना
तो फ़िर स्वागत है
क्योंकि जान गया हूँ
तुम्हारे पाँव
अभी जमीन पर हैं !