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मेरा मेरा छोड़ गँवारा / दादू दयाल

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मेरा मेरा छोड़ गँवारा,
सिरपर तेरे सिरजनहारा।

अपने जीव बिचारत नाहीं,
क्या ले गइला बंस तुम्हारा॥टेक॥

तब मेरा कत करता नाहीं, आवत है हंकारा।
काल-चक्रसूँ खरी परी रे, बिसर गया घर-बारा॥१॥

जाइ तहाँका संयम कीजै, बिकट पंथ गिरधारा।
दादू रे तन अपना नाहीं, तौ कैसे भयो सँसारा॥२॥