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मेरा शहर / रचना दीक्षित
Kavita Kosh से
मेरे शहर को सुरक्षित,
चाक चौबंद रखने को
गली, चौराहों, मॉल, सडकों,
रेलवे स्टेशन, एअर पोर्ट,
हर जगह लगे हैं,
सी सी टी वी कैमरे
अचानक
जब कभी घटती है,
कोई घटना या दुर्घटना
खंगाले जाते है ये सभी
उनमें से अधिकांश,
नहीं उतर पाते खरे
अपनी ही कसौटी पर
और
ठगे जाते हैं हम
मेरे शहर में और भी,
कई जगहों पर हैं
ऐसे ही कैमरे,
चेंजिंग रूम, बाथ रूम
गर्ल्स होस्टल, होटल रूम
यहाँ तक कि
घर के बेड रूम
ये अपनी कसौटी पर
उतरते हैं खरे
वो भी शत प्रतिशत
यहाँ भी एक बार
फिर ठगे जाते हैं हम