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मेरा साथी घोड़ा / श्रीप्रसाद
Kavita Kosh से
कोई खेले लेकर हाथी
और किसी का बंदर साथी
मेरा साथी घोड़ा
कभी न खाये कोड़ा
मेरा साथी घोड़ा
चल घोड़े, टिक-टिक-टिक चलता
जब चलता तब नहीं मचलता
पर चलता है थोड़ा
मेरा साथी घोड़ा
कभी न खाये कोड़ा
सबसे सुंदर यही सवारी
चढ़कर घूमो दुनिया सारी
जाएगा अलमोड़ा
मेरा साथी घोड़ा
कभी न खाये कोड़ा
छोटे कान, पैर, मुँह छोटा
दुबला नहीं, नहीं है मोटा
इसका कहीं न जोड़ा
मेरा साथी घोड़ा
कभी न खाये कोड़ा
भालू छोड़ा, सीटी छोड़ी
गुड़िया करती पी.टी. छोड़ी
मैंने सब कुछ छोड़ा
मेरा साथी घोड़ा
कभी न खाये कोड़ा।