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मेरी आँखों में आँसू हैं / अनिरुद्ध सिन्हा
Kavita Kosh से
मेरी आँखों में आँसू हैं, ये ग़म तुमको मुबारक हो
तुम्हें ऐसा लगा तो ये वहम तुमको मुबारक हो
यहाँ बारिश नहीं होती, घटाएँ रोज़ छाती हैं
निगाहों में बिजलियों का भरम तुमको मुबारक हो
ज़रूरत के मुताबिक आइने को कर लिया तुमने
कोई पत्थर उठाने की कसम तुमको मुबारक हो
किसी के ज़ख़्म पे मरहम लगाकर ग़ैर से कहना
मुहब्बत में नुमाइश का क़दम तुमको मुबारक हो
ये मुमकिन तो नहीं लेकिन दिलों को तोड़ देती है
वफ़ा पर सादगी का ये सितम तुमको मुबारक हो!