भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेरी घोषणा / गुन्नार एकिलोफ़
Kavita Kosh से
मेरी घोषणा
मेरी वेदना के
दो दिन
हम सो जाएँ
दोनों अकेले
परस्पर नज़दीक।
अँग्रेज़ी से अनुवाद : सुधीर सक्सेना