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मेरी तरह उसकी भी नींद उड़ जाती / तारा सिंह
Kavita Kosh से
मेरी तरह उसकी भी नींद उड़ जाती तो अच्छा
पाँव साये से दो कदम आगे रहता तो अच्छा
गम से मरता हूँ, मगर इतना भी नहीं
कि दुनिया वाले कहे, मर जाता तो अच्छा
कल आये, आज कहते हमें जाना है
इससे तो तेरा न आना होता अच्छा
बुरा क्या मानना जो कहे कोई बुरा, दुनिया में
है कोई ऐसा जिसे हर कोई कहे अच्छा
दिल लगाकर हमसे वे भी रहने लगे तन्हा
इससे तो दिल न लगाना, होता अच्छा