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मेरी मरजी / बाजार में स्त्री / वीरेंद्र गोयल

केटुकी में जाऊँ
या मैकडोनाल्ड में जाऊँ
बिग बर्गर मँगवाऊँ
या हैम को खा जाऊँ
मल्टिनेशनल लाऊँ
या स्वदेशी बढ़वाऊँ
मेरी मरजी

बी जे पी में जाऊँ
या कांग्रेस में जाऊँ
दलबदलू कहलाऊँ
या देशभक्त बन जा ऊँ
मेरी मरजी

जनता को लुभाऊँ
फिर बाद में ठुकराऊँ
वोट डलवाऊँ
या बूथ कैप्चर करवाऊँ
मेरी मरजी।