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मेरी मिट्टी में / ओएनवी कुरुप
Kavita Kosh से
यहाँ के समुद्र की हवा में
कौन रो रहा है ?
यहाँ की काली मिट्टी
किसका दुख है ?
नारियल के पेड़ का ख़राब
ऊपरी हिस्सा
किसकी दीनता है
केकड़ों के पैरों में
किसने धोखा देनेवाले यंत्र को बाँधा है?
चंदन के पेड़ में
किसका विषैला फण है
झाड़ियों में किसका भय
बसेरा डाले है ?
कौनसी गाय के गले में
प्यास काँटा बन रही है ?
केवड़ों के हाथों में
नुकीले नाख़ून हैं ।
यहाँ की मिटटी में
धंसी हुई है क्या
स्वर्गिक ख़ुशी
अभी तक नहीं मिली है जो
जब थककर
मैं लौट आया वहाँ से
तो दीया बुझ गया
वहाँ पड़े रह गए बस सफ़ेद फूल
मूल मलयालम से अनुवाद : संतोष अलेक्स