भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
मेरी याद में तुम न आँसू बहाना / राजा मेंहदी अली खान
Kavita Kosh से
मेरी याद में तुम न आँसू बहाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना
समझना कि था एक सपना सुहाना
वो गुज़रा ज़माना, मुझे भूल जाना ।
जुदा मेरी मंज़िल, जुदा तेरी राहें
मिलेंगी न अब तेरी-मेरी निगाहें
मुझे तेरी दुनिया से है दूर जाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना ।
ये रो-रो के कहता है टूटा हुआ दिल
नहीं हूँ मैं तेरी मौहब्बत के क़ाबिल
मेरा नाम तक अपने लब पे न लाना
न जी को जलाना, मुझे भूल जाना ।
फ़िल्म : मदहोश(1951)