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मेरी सत्ता / केदारनाथ अग्रवाल
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मेरी सत्ता
तेरी सत्ता
सबकी सत्ता
मानव की पीड़ित सत्ता है।
सुख खोना है,
दुख बोना है,
नित रोना है
मन मन का
सूना कोना है।