मेरी सास ने सात जाये / हरियाणवी
मेरी सास ने सात जाये मेरे करम में बोन्ना री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
एक मेरे मन में ऐसी आवै पाथ धरूं पथरावै मैं
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
नान्ही नान्ही बूंद पड़ैं थी चमक आया पथवारे में री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
एक मेरे मन में ऐसी आवै गेर आऊं कुरड़ी पै
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
जोर सोर की आंधी आई चमक आया कुरड़ी मैं री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
एक मेरे मन में ऐसी आवै खारी मैं धर बेच आऊं री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
आगै मिल ग्या हरिअल पीपल उसके बांध आई री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
घर में आकै देखण लागी बोन्ने बिना उदासी री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
ऊपपर चढ़कै देखण लागी पीपल पाड़ैं आवै री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा
बोन्ने का तो बोन्ना आया मुफ्ती इंधन ल्याया री
मुलक हंसणा री जगत हंसणा