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मेरी हस्ती फ़ज़ा-ए-हैरत आबादे-तमन्ना है / ग़ालिब
Kavita Kosh से
मेरी हस्ती फ़ज़ा-ए-हैरत<ref>हैरानी का फैलाव</ref> आबाद-ए-तमन्ना<ref>जहाँ चाह पलती है</ref> है
जिसे कहते हैं नाला वह उसी आ़लम<ref>संसार</ref> का अ़न्क़ा<ref>एक काल्पनिक पक्षी</ref> है
ख़िज़ां क्या, फ़स्ल-ए-गुल कहते हैं किसको, कोई मौसम हो
वही हम हैं, क़फ़स<ref>पिंज़रा</ref> है, और मातम बाल-ओ-पर<ref>पंख और पर</ref> का है
वफ़ा-ए-दिलबरां<ref>दिल चुराने वाले की निष्ठा</ref> है इत्तफ़ाक़ी वरना ऐ हमदम
असर फ़रियाद-ए-दिल-हाए-हज़ीं<ref>उदास दिल का अर्जीदावा</ref> का किस ने देखा है
न लाई शोख़ी-ए-अन्देशा ताब-ए-रंज-ए-नौमीदी<ref>निराशा का दुख सहना</ref>
कफ़-ए-अफ़सोस मलना अ़हद-ए-तजदीद-ए-तमन्ना<ref>फिर इच्छा करने की कसम</ref> है
शब्दार्थ
<references/>