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मेरे आँसू के गीत / शिवदेव शर्मा 'पथिक'

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मेरे आँसू के गीत ज़माना हँसकर गायेगा-
क़दम तो चलता जायेगा.
राह पर आँधी आयेगी, गगन में बादल छयेगा-
दीप तो जलता जायेगा!
डगरिया जलती है जलले, गगरिया छल-छल जीवन की-
कहानी गढ़ती जाती है.
नजरिया छलती है छल ले, गुजरिया पल-पल सावन की-
लहर पर बढ़ती जाती है!
उमड़ता आहों का आकाश, बनाते चाहों के इतिहास-
मुसाफ़िर पाँव बढ़ाना है.
पाँव पर आयेगा मधुमास, दाँव पर हो बिखरेगा हास-
तुम्हें तो चलते जाना है!
मेरे पथ का सन्देश, आदमी पथ पर पायेगा-
मुसाफ़िर पलता जायेगा.
मेरे आँसू के गीत, ज़माना हँसकर गायेगा-
क़दम तो चलता जायेगा!