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मेरे कमरे मै चालिए गौरी / मेहर सिंह

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जवाब सौदागर का

ल्यादूं तरहां तरहां की चीज परी आड़ै क्यूं भुगतै टोट्टे मैं
मेरे कमरे मैं चालिए गौरी।टेक

ये है समय आवणी जाणी, सदा स्थिर रैहना जिन्दगानी
मनै पाणी पाईये रीझ परी सोने चांदी के लोटे मैं
बूरा बर्फ मिला लिए गौरी।

चीज कहै जुणसी मंगवाद्यूं, सेवा में सौ बान्दी ल्याद्यूं
सिमवा द्यूं हरा कमीज परी तील चतया दूंगा घोटे मैं
पट्टी मांग जमा लिए गौरी।

रूप तेरा चन्द्रमा सा दरसै, आशक दरस करण नै तरसै,
जै मींह बरसै, जा भीज परी झट खड़ी हो, जाईये कोठे मैं
टपकै तै मनै बुला लिए गौरी।

छन्द मेहर सिंह कहै घड़कै बोल मेरी छाती के म्हां रड़कै
तड़कै सामण दिन तीज परी रंग आज्या सरले झोटे मैं
दो गीत झूल पै गा लिए गौरी।