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मेरे जैसी हँसी / पद्मजा शर्मा
Kavita Kosh से
मुझे इस तरह से मत लेना
जैसे किसी को भी लेते हो
मुझे उस तरह लेना
जिस तरह सिर्फ और सिर्फ
मुझे ही लिया जा सके
जिससे ज़िंदगी को सहज
और बेहतर तरीके से जिया जा सके
मेरी हँसी को उस तरह मत लेना
जिस तरह किसी की भी हँसी को लिया जा सके
क्योंकि मेरे जैसी हँसी
सिर्फ और सिर्फ मेरे ही पास है
यह तुम्हारे लिए है
इसलिए मेरे लिए बहुत ख़ास है
ये जो हँसते-हँसते आ जाते हैं मेरी आँखों में आँसू
इनको सिर्फ आँसू मत समझना
ये हृदय को चीरकर निकले शब्द ही हैं
तुम देख ही रहे होे कैसे सूख रहे हैं
धीरे-धीरे इनके अर्थ पर रहे हैं
इसलिए मेरे आँसुओं को वैसे मत लेना
जैसे किसी के भी आँसुओं को लेते हो
क्योंकि ये प्रेम के आँसू हैं
तुम्हें हो न हो
और मुझे तुमसे प्रेम हैं