बुन्देली लोकगीत ♦ रचनाकार: अज्ञात
मेरे दस्ते की कील मिलेगी कैसे
बाहर ससुरा लड़े अन्दर सासो लड़े
सेजा सैंया भी लड़े मेरी कदर नहीं
ललना गोद भी नहीं जिसकी आस करूँ
पैसा पास भी नहीं जहर खायके मरूँ
अँगना कुअला भी नहीं जिसमें डूब मरूँ। मेरे दस्ते