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मेरे नयना भये चकोर / भारतेंदु हरिश्चंद्र
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मेरे नयना भये चकोर .
अनुदिन निरखत श्याम चन्द्रमा सुन्दर नंदकिशोर .
तनिक भये वियोग उर बाढ़त बहु बिधि नयन मरोर.
होत न पल की ओट छिनकहूँ रहत सदा दृग जोर.
कोऊ न इन्हें छुडावनहारों अरुझे रूप झकोर .
हरिचन्द नित छके प्रेम रस जानत साँझ न भोर .