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मेरे नौं सहु दा कित मोल / बुल्ले शाह

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मेरे नौं सहु दा कित मोल।
मेरे नौं सहु दा कित मोल।

अगले वल्ल दी खबर ना कोई, रह किताबाँ फोल।
सच्चिआँ नूँ पै वज्जण पौले, झूठिआँ करन कलोल।
चंग चँगेरे पर परेरे, असीं आइआँ सी अनमोल।
बुल्ला शाह जे बोलांगा, हुण कौण सुणे मेरे बोल?

मेरे नौं सहु दा कित मोल।
मेरे नौं सहु दा कित मोल।

शब्दार्थ
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